Mamata Banerjee Biography Hindi – ममता बनर्जी का जीवन परिचय

By | October 12, 2020

Mamata Banerjee Biography Hindi – ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की चर्चित नेता है, और बंगाल की पहली महिला मुख़्यमंत्री भी रही है। इन्होने कई बार केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया है, वर्तमान में यह बंगाल की मुख़्यमंत्री है। इनका स्वाभाव थोड़ा गुस्से वाला है, यह हमेशा केंद्र की नीतियों का विरोध करती रहती है।

ममता बनर्जी का जन्म 5 जनवरी 1955 को पश्चिम बंगाल , कोलकाता, भारत में हुआ था। जब यह 17 वर्ष की थीं, तभी इनके पिता की मृत्यु हो गयी थी, बताया जाता है की इनके पिता की मृत्यु इलाज की कमी से हो हुई थी। (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का संपूर्ण जीवन परिचय हिन्दी में)

ममता बनर्जी का परिवार (Mamata Banerjee Family) – इनके पिता का नाम प्रोमिलेस्वर बनर्जी था, और माता का नाम गायेत्री देवी, अमित बनर्जी, अजीत बनर्जी, काली बनर्जी, बबन बनर्जी, गणेश बनर्जी और समीर बनर्जी इनके भाई है, बहन में यह अकेले ही है। यह अविवाहित है, इन्होने अपने जीवन को समाज की सेवा में लगाया है और बहुत लम्बे समय से यह बंगाल के लोगों की सेवा में लगी है।

Mamata Banerjee Biography Hindi – संछिप्त परिचय

Mamata Banerjee Biography Hindi

  • वास्तविक नाम – ममता बनर्जी
  • उपनाम – दीदी
  • प्रोफेशन – भारतीय राजनेता
  • राजनितिक पार्टी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एवं ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस
  • राजनीतिक पार्टी का चिन्ह – पंजा, एवं जोरा घास फूल
  • जन्म – 5 जनवरी 1955
  • जन्म अस्थान – कोलकाता, भारत
  • वर्तमान उम्र – 65 साल
  • गृहनगर – बंगाल
  • धर्म – हिन्दू
  • जाति – ब्राह्मण
  • पसंद – टहलना और पेंटिंग करना
  • खाली समय में – पढ़ना, लिखना और संगीत सुनना पसंद
  • Mamata Banerjee net worth – 50 लाख (संभावित)
  • Mamata Banerjee Height – 5 फुट, 4 इंच
  • 6 भाइयों में अकेली बहन
  • शिक्षा – देशबंधु सिशु शिक्षालय से

ममता बनर्जी की शिक्षा – (Education)

ममता बनर्जी अपनी शुरुवाती शिक्षा देशबंधु सिशु शिक्षालय से की थी, उसके बाद इन्होंने कोलकाता के जोगोमाया देवी कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया था, उसके बाद ममता ने कोलकाता यूनिवर्सिटी से इस्लामिक इतिहास में स्नातकोत्तर किया। इनके बारे में बताया जाता है की इन्होने बाद में कोलकाता के जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज की पढाई की थीं, उसी समय इन्होने राजनितिक दुनिया में कदम रखा था।

ममता बनर्जी राजनितिक कैरियर (सफर)

राजनितिक कैरियर की बात करें तो ममता बनर्जी ने सबसे पहले छात्र परिषद यूनियन बनाया था जो उस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक छात्र शाखा हुआ करती थी, उसी दौरान ममता को ओडिशा के कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी। इस तरीके से इन्होने राजनितिक दुनिया में प्रदेश किया था।

  • वर्ष 1976 से 1980 तक ममता जी पहली बार पश्चिम बंगाल की महिला कांग्रेस की महासचिव बनी।
  • वर्ष 1984 के लोक सभा चुनाव में ममता ने जादवपुर संसदीय क्षेत्र से अनुभवी नेता सोमनाथ चटर्जी को हराकर अपनी पहली राजनितिक जीत हासिल की थी।
  • इनके बारे में कहा जाता है की यह सबसे कम उम्र में सांसद बन गयी थीं।
  • वर्ष 1991 में ममता बनर्जी जी ने दक्षिण कोलकाता संसदीय क्षेत्र से से चुनाव जीता था, इस जीत पर इन्होने लम्बे समय राज किया।
  • वर्ष 1991 में जब देश में पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार थी तो इनको बंगाल राज्य में मानव संसाधन विकास, युवा एवं खेल और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में काम करने का अवसर मिला था।

ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी का गठन (Establishment of The All India Trinamool Congress Party)

समय बीतने के साथ – साथ ममता बनर्जी के अपनी पार्टी बनाने का प्लान किया और वर्ष 1997 में विचारधारा अलग होने के कारण इन्होने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होने का फैसला कर लिया, और खुद की नई पार्टी का गठन कर लिया जिसका नाम ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) रखा।

राजनितिक सफर में इन्होने वर्ष 1999 में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स (एनडीए) में शामिल हो गयीं, बाद में इनको अटल की सरकार में रेल मंत्री बनने का मौका भी मिला और यह देश की रेलमंत्री भी बनीं। वर्ष 2002 में इन्होने अपना पहला रेलबजट पेश किया था।

2009 के आम चुनाव से पहले, ममता बनर्जी जी ने यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स में शामिल हुईं और बहुत सीट जीतीं, उस दौरान इनको दुबारा रेलमंत्री बनने का अवसर मिला था। 2010 में पश्चिम बंगाल में नगर पालिका चुनाव में इनकी पार्टी ने जबरदस्त 62 सीटों पर जीत हासिल की थी।

वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में बहुत बड़ा परिवर्तन आया, इस चुनाव में ममता ने कई वर्षों (लगभग 34 साल) के कम्युनिस्ट पार्टी के शासन को ख़त्म कर दिया। इसी साल ममता (2011) पश्चिम बंगाल राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। वर्ष 2012 में ममता जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के साथ अपना समर्थन पूरी तरह से छोड़ दिया।

वर्ष  2016 के विधानसभा चुनाव में ममता की पार्टी ने फिर से जबरदस्त बहुमत के साथ जीत दर्ज की और ममता को फिर से बंगाल की मुख़्यमंत्री बनने का अवसर मिला, आज भी यह पश्चिम बंगाल की सी एम है। बीजेपी और कई पार्टियों ने इनको हारने की बहुत कोशिस किये मगर इनको पिछले काफी समय से कोई हरा नहीं सका अब आने वाले दिनों में क्या होता उसके बारे में हम और आप देखेंगे।

ममता बनर्जी जी का विवाद एवं आलोचनाएँ (Mamata Banerjee Controversies and Criticism) – ममता बनर्जी के जीवन काल में कई सारे राजनितिक विवाद भी रहे है जिनके बारे में आपको विकिपीडिया पर पूरी जानकारी मिलेगी, वर्ष 1998 में इन्होने महिलाओं के लिए आरक्षण बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था जिसमे काफी बवाल हो गया था।

भारत में अपराध की बढ़ती संख्या इन्होने काफी कुछ बोला था, जिसके बाद यह काफी विवादों में रहीं। जब अमितशाह बीजेपी के अध्यक्ष थे तो, वह पश्चिम बंगाल गए थे उसको लेकर ममता काफी विवादों में रहीं।

ममता बनर्जी से जुडी रोचक जानकारी – (Mamata Banerjee Biography Hindi)

  • ममता का जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा है इन्होने अपनी जीवन में बहुत संघर्ष किया है तब जाकर इनको यह मुकाम मिला है।
  • यह थोड़ा गुस्सा वाली नेता है।
  • केंद्र की नीतियां इनको पसंद नहीं आती है।
  • बार – बार सेंट्रल गवर्नमेंट की बुराई करती रहती है।
  • बांग्लादेश में भी इनका काफी नाम है।
  • बंगाली लोग इनको बहुत पसंद करते है।
  • पूजा पाठ वाली महिला है ममता।
  • कई सारे सामाजिक कार्य भी करती है।
  • बताया जाता है की यह बंगाल की राजनीति में काफी लम्बे समय तक रहने वाली है।
  • आने वाले समय में बंगाल में चुनाव होने वाले है।
  • नरेंद्र मोदी को काफी कुछ बोलती रहती है ममता।

Mamata Banerjee Biography Hindi से जुडी जानकारी कैसी लगी?

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