Jayprakash Narayan ki Jivani – जयप्रकाश नारायण भारत में विख्यात स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे, इनका जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को सिताब दियारा, बलिया (उत्तर प्रदेश) भारत में हुआ था। वर्ष 1970 में इनको इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है, उस समय इन्होने एक ‘सम्पूर्ण क्रांति’ नामक आन्दोलन भी चलाया था। यह एक महान समाज-सेवक भी थे, जिसकी वजह से इनका नाम लोकनायक’ पड़ा था। वर्ष 1999 में इनको मरणोपरान्त भारत रत्न से भी सम्मनित किया गया था। इसके अलावा समाजसेवा के लिए इनको 1965 में मैगससे पुरस्कार भी मिला था।
जयप्रकाश नारायण के नाम से देश में कई संस्था का नाम रखा गया है जैसे पटना के एयरपोर्ट का नाम इन्हीं के नाम पर है और दिल्ली का मशहूर हॉस्पिटल ‘लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल’ भी इनके नाम पर ही रखा गया है, देश में और भी कई ऐसे स्कूल कॉलेज और संस्था हैं जो इनके नाम से बनी हैं।
Jayprakash Narayan ki Jivani – संछिप्त परिचय
- वास्तविक नाम – जयप्रकाश नारायण (जेपी)
- प्रोफेशन – भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता (सामाजिक कार्यकर्ता भी)
- जन्म – 11 अक्टूबर, 1902
- पत्नी – प्रभावती (बृज किशोर प्रसाद की पुत्री)
- विवाह – अक्टूबर 1920 में
- मृत्यु – 8 अक्टूबर, 1979
- मृत्यु का कारण – हृदय की बीमारी और मधुमेह के कारण
- गृहनगर – सिताब दियारा, बलिया (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा –
जयप्रकाश नारायण की शिक्षा के बारे में कहें तो यह अपनी शुरुवाती पढाई पूरी करने के बाद वर्ष 1922 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गये थे, जहाँ इन्होने 1922 से 1929 के बीच कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बरकली और विसकांसन विश्वविद्यालय में समाज-शास्त्र का अध्ययन किया था। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होने समाजशास्त्र में परास्नातक किया था।
महँगी पढ़ाई के खर्चों को वहन करने के लिए जेपी ने खेतों, कम्पनियों और रेस्त्रा में भी काम किया था। उसी के बाद वे मार्क्स के समाजवाद से प्रभावित हुए थे। माताजी की तबियत ठीक न होने की वजह से जेपी भारत वापस आ गये, और पी॰ एच॰ डी की तैयारी करने लगे, मगर इनकी यह पढाई किसी कारणवश पूरी नहीं हो पायी थी।
सम्पूर्ण क्रान्ति एवं आंदोलन –
15 जून सन् 1975 को पटना के गांधी मैदान में छात्रों की विशाल समूह के समक्ष ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ का उद्घोष जयप्रकाश नारायण ने ही किया था जिसने लालमुनि चौबे, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील मोदी, जैसे नेताओं को जन्म दिया था। भ्रष्टाचार मिटाना, बेरोजगारी दूर करना और शिक्षा में क्रांति लाना ही ’सम्पूर्ण क्रान्ति’ का मुख्य उद्देश्य था।
जीवन से जुडी कुछ बातें –
कहा जाता है कि इनकी पत्नी विवाह के बाद कस्तूरबा गांधी के साथ गांधी आश्रम में रहतीं थी, वर्ष 1929 में जब लोकनायक अमेरिका से लौटे तो उन्होंने देखा कि देश में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम बहुत तेज़ी पर था, इसी बीच इनका सम्पर्क गाँधी जी के साथ काम कर रहे नेहरू जी से हुआ था। यहीं से जयप्रकाश ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने थे, बाद में यह गाँधी, नेहरू के साथ जेल भी गए, बाद में इन्होने देश के अलग – अलग हिस्सों में संग्राम का नेतृत्व किया।
अंततः वर्ष 1932 में इनको मद्रास में इनको गिरप्तार कर लिया गया और और नासिक के जेल में भेज दिया गया। जेल में लोकनायक जी की मुलाकात मीनू मसानी, अच्युत पटवर्धन, एन॰ सी॰ गोरे, अशोक मेहता, चार्ल्स मास्कारेन्हास और सी॰ के॰ नारायण स्वामी जैसे उत्साही कांग्रेस के नेताओं से हुई, जेल में इनके द्वारा कई चर्चा ने सी॰ एस॰ पी॰ को जन्म दिया था , यह समाजवाद में विश्वास रखती थी। वर्ष 1934 में चुनाव में हिस्सा लेते समय कांग्रेस और इनमे विरोध हो गया था।
- वर्ष 939 में जयप्रकाश ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोक आन्दोलन का नेतृत्व भी किया था।
- वर्ष 1942 भारत छोडो आन्दोलन के दौरान यह आर्थर जेल से फरार हो गये थे।
- इन्होने नेपाल जाकर आज़ाद दस्ते का गठन किया था।
- वर्ष 1975 में भी इन्होने काफी बड़ा आंदोलन किया था, जिसने देश को कई बड़े नेता दिए।
- लालू, नितीश, सुशील मोदी ये सब यहीं से आये थे।
- संपूर्ण क्रांति का ऐसा असर हुआ कि केन्द्र में कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ गया था।
- विनोबा भावे से काफी प्रोत्साहित होने के बाद ही जयप्रकाश ने “सर्वोदय आंदोलन को ज्वाइन किया था।
- यह एक समाजवादी नेता थे।
- इन्होने अनेक किताबें भी लिखी हैं, जिनमें से Why Socialism? (1936) प्रमुख है।
- जयप्रकाश के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप विकिपीडिया पढ़ सकते हैं।
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