Bal Gangadhar Tilak Biography Hindi – बाल गंगाधर तिलक की जीवनी

By | November 22, 2021

इंडिया बायोग्राफी ब्लॉग में आपका स्वागत है, इस जीवनी लेख में आप भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी, शिक्षक, स्वतन्त्रता सेनानी और समाज सुधारक श्री बाल गंगाधर तिलक के जीवन परिचय (Bal Gangadhar Tilak Biography Hindi) से जुडी जानकारी प्राप्त करेंगे। चलिए जानतें है की कौन थे बाल गंगाधर तिलक?

जीवन परिचय –

बाल गंगाधर तिलक भारत के एक महान शिक्षक, समाज सुधारक और स्वतन्त्रता सेनानी थे, इनका जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के चिखली गांव में हुआ था। समय के साथ इन्होने कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया था और भारत की स्वतन्त्रता में काफी योग्यदान दिया था। यह भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के पहले ऐसे लोकप्रिय नेता हुए थे जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों को काफी परेशान किया था, एक ब्रिटिश अधिकारी ने तो तिलक को “भारतीय अशान्ति का पिता” तक कह डाला था।

Bal Gangadhar Tilak Biography Hindi – संछिप्त परिचय

Bal Gangadhar Tilak Biography Hindi

वास्तविक नाम – बाल गंगाधर तिलक
प्रचलित नाम – लोकमान्य तिलक
जन्म – 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के चिखली गांव में
मृत्यु – 1 अगस्त 1920 को
प्रोफेशन – स्वतन्त्रता सेनानी, समाज सुधारक
पार्टी – कांग्रेस
स्थापना – दक्कन शिक्षा सोसायटी
अख़बार – मराठा व मराठी में केसरी
मांग – पूर्ण स्वराज
कांग्रेस से जुड़े – 1890 में

बाल गंगाधर तिलक की शिक्षा –

बाल गंगाधर तिलक ने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने गावं से ही ली थी, यह उस ज़माने के अच्छे पढ़े – लिखे ब्यक्ति थे, शिक्षा पूरी होने के बाद इन्होने स्कूल और कालेजों में गणित पढ़ाया था। यह अंग्रेजी शिक्षा के घोर आलोचक थे। इनका मानना था की अंग्रेजी भारतीय सभ्यता के प्रति अनादर सिखाती है। इन्होने भारत में शिक्षा के स्तर को सुधारा था।

बालगंगाधर तिलक की राजनीतिक यात्रा

बालगंगाधर तिलक ने अपने राजनितिक जीवन की शुरुआत मराठी में केसरी नाम से दो दैनिक समाचार पत्र से की थी, जो काफी लोकप्रिय हुए थे। इस अख़बार में इन्होने अंग्रेजी शासन की क्रूरता और भारतीय संस्कृति के प्रति हीन भावना को उजागर किया था। इन्होने ब्रिटिश सरकार से तुरंत पूर्ण स्वराज की मांग की थी। केसरी में छपे लेख के कारण इनको कई बार जेल भी जाना पड़ा था।

समय के साथ तिलक जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए, मगर इन्होने कांग्रेस के नरमपंथी रवैये के विरुद्ध आवाज उठायी थी। उसी समय वर्ष 1907 में कांग्रेस गरम दल और नरम दल में विभाजित हो गयी। ऐसे में यह गरम दल में शामिल हो गए इनके साथ लाला लाजपत राय और श्री बिपिन चन्द्र पाल शामिल हुए, उसी समय से इन तीनों नेताओं को “लाल-बाल-पाल” के नाम से जाना जाने लगा। वर्ष 1908 में तिलक जी ने क्रान्तिकारी प्रफुल्ल चाकी और क्रान्तिकारी खुदीराम बोस के बम हमले का समर्थन किया था, जिसके बाद इनको म्यांमार के मांडले की जेल भेज दिया गया था। जेल से वापस आने के बाद यह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्ष 1916 में इन्होने एनी बेसेंट और मुहम्मद अली जिन्ना के समकालीन होम रूल लीग की स्थापना की थी।

बालगंगाधर तिलक जी ने वर्ष 1890 में कांग्रेस से जुड़े थे, कांग्रेस से जुड़ने के बाद इन्होने स्वराज्य हेतु लड़ाई लड़ी थी, इनका देश की स्वतन्त्रता में काफी योग्यदान रहा था।

रोचक जानकारी –

  • तिलक जी भारत के स्वतन्त्रता सेनानी के साथ – साथ एक अच्छे समाज सुधारक भी थे।
  • इन्होने ब्रिटिश सरकार के प्रति विरोध में बहुत कुछ किया था।
  • यह भारत को बहुत जल्दी अंगेजों से आजादी दिलवाना चाहते थे।
  • इन्होने अपने जीवन में कई सारे लेख, पत्रिकाएं और किताबें लिखी हैं।
  • यह महात्मा गाँधी जी के सम्पर्क में भी आये थे।

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