Jawaharlal Nehru Biography in Hindi – चाचा नेहरू की सम्पूर्ण जीवनी

By | February 28, 2021

Jawaharlal Nehru Biography in Hindi इंडिया बायोग्राफी हिन्दी ब्लॉग में आप का स्वागत है, इस पोस्ट में आप पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन से जुडी सभी जानकारी और उनकी जीवनी से जुडी जानकारी प्राप्त करेंगे। (jawaharlal nehru ki jivani, jawaharlal nehru jivani essay, age, family, jeevan parichay, wiki & more)

पं० जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय व इतिहास –

पंडित जवाहर लाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे, इनका जन्म 14 नवम्बर 1889 को ब्रिटिश भारत में इलाहाबाद (वर्तमान में प्रागराज) में हुआ था, इनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू (1861–1931) था, जो एक धनी बैरिस्टर, समाजसेवी और कश्मीरी पण्डित थे। इनकी माता का नाम स्वरूपरानी नेहरु था, इन्होने वर्ष 1916 में कमला नेहरु से विवाह किया था। यह गाँधी परिवार से सम्बन्ध रखते थे।

आज भी इनके जन्म दिन को भारत में बाल दिवस और चिल्ड्रेन्स डे (children’s day) के रूप में मनाया जाता है, इनको चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है। इनको बच्चे बहुत पसंद थे, इनके जीवन पर बच्चों से जुडी कई कहानियां भी हैं, जिनकी किताबें भी मार्किट में मिलती है। इनको एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी देखा जाता है। देश को आजाद कराने में नेहरू ने महात्मा गाँधी का साथ दिया था, मगर कई बिचारक इसके बारे में कुछ और ही बात करते हैं जिनके बारे में आप अच्छे से जानतें होगें।

Jawaharlal Nehru Biography in Hindi – संछिप्त परिचय

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  • वास्तविक नाम – पंडित जवाहरलाल नेहरु
  • प्रसिद्ध नाम – चाचा नेहरू
  • प्रोफेशन – स्वतन्त्रा सेनानी, आजाद भारत के पहले प्रधानमन्त्री
  • जन्म – 14 नवम्बर 1889 ब्रिटिश भारत (वर्तमान में प्रयागराज)
  • पिता का नाम – मोतीलाल नेहरु (समाजसेवी और धनी बैरिस्टर)
  • माता का नाम – स्वरूपरानी नेहरु
  • इनकी तीन बहनें भी थीं।
  • यह कश्मीरी वंश के सारस्वत ब्राह्मण थे।
  • पत्नी का नाम – कमला नेहरु (1916)
  • संतान – इंदिरा गाँधी (केवल एक बेटी)
  • स्वतन्त्रा के समय दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे।
  • मृत्यु – 27 मई 1964, नई दिल्ली
  • समाधि स्थल – शांतिवन

पंडित नेहरू की शिक्षा –

बताया जाता है कि नेहरू जी ने अपनी शुरुवाती शिक्षा हैरो स्कूल से ली थी उसके बाद यह ट्रिनिटी कॉलेज लन्दन से लॉ की शिक्षा प्राप्त किये थे, बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून शास्त्र में मास्टर डिग्री लेकर पारांगत हुए थे। बताया जाता है कि इन्होने सात वर्ष इंग्लैंड में रहकर फैबियन समाजवाद एवं आयरिश राष्ट्रवाद की जानकारी को विकसित किया था, बाद में यह भारत आये और स्वतन्त्रा संग्राम में अपनी भूमिका निभाई और आजाद भारत के पहले प्रधानमन्त्री बने।

पंडित जवाहरलाल नेहरु का राजनैतिक सफ़र –

पहली बार राजनीति में सफर –

पहली बार नेहरू वर्ष 1912 में भारत लौटे थे, उस समय इन्होने इलाहबाद हाईकोर्ट में बेरिस्टर के रूप में कार्य करना शुरू किया था, बाद में कुछ वर्षों बाद इन्होने वर्ष 1916 में कमला नामक युवती से विवाह किया था। वर्ष 1917 में नेहरू जी होम-रुल-लीग से जुड़े, और वर्ष 1919 में यह पहली बार गाँधी जी के सम्पर्क में आये थे। यहीं से इन्होने अपने राजनितिक सफर की शुरुवात की थी, उस समय यह गाँधी जी से काफी प्रभावित हुए थे, जिसका नतीजा यह हुआ की यह भी राजनीति में आ गए और देश में गाँधी जी के प्रिय बन गए।

गाँधी जी के साथ सफर –

ये उन दिनों की बाद है जब गाँधी जी ने वर्ष 1919 में रोलेट-अधिनियम के लिए राजनीति शुरू की थी उसी समय जवाहरलाल ने उनके साथ काम करना शुरू किया था, बाद में इन्होने गांधीजी को सविनय-अविज्ञा आन्दोलन करते देखा जिसके बाद यह उनसे काफी प्रभावित हुए थे, यहीं से नेहरू जी के परिवार ने गाँधी जी का अनुसरण करना शुरू कर दिया था।

बाद में इनके पिता मोतीलाल नेहरु ने अपनी सम्पति का त्याग कर खादी परिवेश धारण कर लिया था, वर्ष 1920-1922 में गाँधी जी द्वारा किये गये ‘असहयोग-आन्दोलन’ में नेहरू जी ने सक्रीय रूप से हिस्सा लिया था।

इसी समय नेहरु जी पहली बार जेल गये थे, बाद में उसी साल वर्ष 1924 में इलाहबाद नगर-निगम के अध्यक्ष चुने गए और दो साल तक यह शहर की सेवा किये और किसी कारणवश यह वर्ष 1926 में इस्तीफा दे दिए, बाद में इनको वर्ष 1926 से 28 तक नेहरु जी “अखिल-भारतीय-कांग्रेस” के महा-सचिव बना दिया गया, इनके कार्यों को देखकर गाँधी जी को लगा की यही देश का महान नेता बनने के लायक है।

राजनीति का और सफर –

वर्ष 1928-1929 में मोतीलाल नेहरु की अध्यक्षता में काँग्रेस की एक मीटिंग हुई, इस मीटिंग में दो गुट बने, पहले गुट में नेहरूजी और सुभाषचन्द्र बोस ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया, और दुसरे गुट में मोतीलाल नेहरु और अन्य नेताओं ने सरकार के आधीन ही प्रभुत्व सम्पन्न राज्य की मांग की थी।

दो प्रस्ताव की इस लड़ाई में गाँधी जी ने बीच का रास्ता निकाला, जिसमे यह कहा गया की हम लोग ब्रिटेन को दो वर्षो का समय देगें, ताकि वे भारत को राज्य का दर्जा दे अन्यथा कांग्रेस एक राष्ट्रीय लड़ाई को जन्म देगी, लेकिन सरकार का कोई उचित जवाब नहीं आया, उसके बाद नेहरु जी की अध्यक्षता में दिसम्बर 1929 में एक बार फिर से कांग्रेस की मीटिंग हुई जिसको आप अधिवेशन ‘लाहौर’ के नाम से भी जानतें होगें इसमें सभी ने एक मत होकर ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग का प्रस्ताव पारित किया।

26 जनवरी 1930 को नेहरू जी ने पहली बार लाहौर में स्वतंत्र भारत का ध्वज लहराया, उसके बाद वर्ष 1930 में गाँधी जी ने ‘सविय अवज्ञा आन्दोलन’ का बहुत जोरो पर आवाहन किया जो इतना सफल रहा कि ब्रिटिश सरकार की नींद उड़ा दिया था, जिसके बाद ब्रिटिश सरकार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

वर्ष 1935 में जब ब्रिटिश सरकार ने भारत अधिनियम का प्रस्ताव पारित किया, तब पहली बार कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया, जिसमे नेहरू ने चुनाव के बाहर रहकर ही पार्टी का समर्थन किया था, नतीजा यह रहा की कांग्रेस ने हर प्रदेश में सरकार बनाई और सबसे अधिक जगहों पर जीत हासिल की। वर्ष 1936-1937 में नेहरु जी को काँग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, उसके बाद वर्ष 1942 में गांधीजी के नेतृत्व में भारत छोडो आन्दोलन शुरू हुआ जिसमे नेहरु जी को गिरफ्तार कर लिया गया, बाद में यह वर्ष 1945 में जेल से बाहर आये और वर्ष 1947 में भारत एवम पकिस्तान की आजादी के लिए सरकार से बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

देश के प्रथम प्रधानमंत्री का चुनाव –

सारे प्रयासों के बाद वर्ष 1947 में देश आजाद हो गया, आजादी के बाद देश में चुनावों का बाजार गरम होने लगा था, इसी बीच वर्ष 1947 में भारत आजादी के वक्त काँग्रेस में प्रधानमंत्री की दावेदारी के लिए चुनाव किये गये, जिसमे सरदार बल्लभ भाई पटेल एवम आचार्य कृपलानी को सबसे अधिक मत मिले थे, मगर गाँधी जी के आग्रह पर पंडित नेहरू को भारत का प्रथम प्रधानमंत्री मंत्री नियुक्त किया गया, इसके पहले पाकिस्तान का जन्म हो चूका था, उसके बाद नेहरु जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे।

जवाहरलाल नेहरु को मिला सम्मान –

पंडित नेहरू एक ऐसे प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने पद पर रहते ही देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत-रत्न’ को हासिल किया था, ऐसा होना तो नहीं चाहिए मगर राजनीति में सब होता है इनको वर्ष 1955 में यह सम्मान मिला था।

जवाहरलाल नेहरु जी की मृत्यु कब हुई एवं कैसे हुई ? (Jawaharlal Nehru Death) –

बताया जाता है कि पंडित नेहरू ने हमेशा से चीन व् पाकिस्तान के साथ संबद्ध सुधारने के लिए प्रयास किये थे, लेकिन 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया, जिससे नेहरु जी बहुत आघात पहुंचा था, बाद में कुछ वर्षो बाद नेहरु जी की 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी, उनकी मृत्यु देश के लिए एक बहुत बड़ी छति थी।

चाचा नेहरू से जुडी रोचक जानकारी – (Jawaharlal Nehru Biography in Hindi)

  • इनको ‘गुलाब का फूल’ बहुत पसंद था, जिसको यह अपने शेरवानी में लगाकर चलते थे।
  • इनको बच्चों से बहुत लगाव रहता था, जिसकी वजह से बच्चे इनको ‘चाचा नेहरु’ कहकर सम्बोधित करते थे।
  • इनके जन्म दिवस 14 नवम्बर को आज भी देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • इनकी एक प्रसिद्ध पुस्तक भी है जिसका नाम ‘डिस्कवरी ऑफ़ इण्डिया’ है।
  • भारत की पूर्व प्रधानमन्त्री स्वर्गीय श्री मति इन्दिरा गाँधी इनकी बेटी थीं, जो इनको अपना गुरु मानती थीं।
  • इनकी बेटी को देश की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री होने का गौरव मिला है।
  • आज भी देशवासी नेहरू जी को एक महान नेताओं व् स्वतंत्रता संग्रामी के रूप में याद करते है।
  • सोनिया गाँधी और मेनका गाँधी इन्दिरा गाँधी की बहुएं हैं।
  • यह राहुल गाँधी और प्रिंयका गाँधी के परदादा थे।

इनकी याद में देश में कई सड़क योजनाएं, कॉलेज और यूनिवर्सिटी, टेक्नोलॉजी संस्थान, कैंसर हॉस्पिटल और रिसर्च सेण्टर खोले गए हैं, जो वर्तमान में भी कार्यरत हैं। इनके बारे में कहा जाता है की यह देश के एक महान नेता थे।

List of books written by Jawaharlal Nehru in Hindi

Books By पंडित जवाहरलाल नेहरू Pt. Javaharlal Nehru

‘डिस्कवरी ऑफ़ इण्डिया’ (सबसे प्रसिद्ध)
धर्म और धर्मनायक – Dharm Aur Dharmnayak
विश्व – इतिहास की झलक भाग – 2 – Vishv Itihas Ki Jhalak Bhag – 2.
हिंदुस्तान की समस्याएं (1950) – Hindustan Ki Samsyayen (1950)
विश्व इतिहास की झलक – Vishwa Itihas Ki Jhalak
मेरी कहानी – Meri Kahani
भारतीय कविता
हम कहाँ है?
राजनीति से दूर
कुछ पुरानी चिठियां
लड़खड़ाती दुनिया
पिता का पत्र पुत्री के नाम

नेहरू जी के बारे में इंलिश में यहाँ पढ़ेंJawaharlal Nehru Wikipedia

जवाहरलाल नेहरू जी के नाम पर देश में कई Recognized institutes हैं जिनके बारे में आप गूगल यह विकिपीडिया पर जानकर जानकारी प्राप्त कर सकते थे। इनके जीवन से जुडी और भी कई तरह की जानकारी हैं जिनके बारे में आपको यूट्यूब से जानकारी मिलेगी, यूट्यूब में इनके बारे में भाई राजीव दीक्षित ने भी कई बातें बताई है, जिनके बारे में देश दुनिया के सभी लोग जानतें है जिसको यहाँ बताना उचित नहीं है इसलिए आप यूट्यूब पर सर्च करके जानकारी ले सकते हैं।

इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होने ने पाकिस्तान जैसे देशों को जन्म देने में अपनी भूमिका निभाई थी, अगर ये गाँधी जी से प्रधानमन्त्री बनने की जिद्द नहीं किये होते तो आज पाकिस्तान जैसे देशों का जन्म नहीं हुआ होता और न ही देश दुनिया में ऐसी समस्या होती जो आज तक भारत और पाकिस्तान के बीच में चल रही है। किसी की एक गलती से ऐसा भी हो सकता है ये किसी ने नहीं सोचा था इसके पीछे कई कहानियां हैं जिनके बारे में आपको यूट्यूब पर ही सब जानकारी मिलेगी।

आगे की जानकारी के लिए आप यूट्यूब, गूगल और विकिपीडिया पर जाएँ वहां आप को इनके पुरे जीवन के बारे में अच्छी बुरी सभी जानकारी प्राप्त होगी, नेहरू जी की जीवनी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें।

Jawaharlal Nehru Biography in Hindi से जुडी जानकारी कैसी रही ?

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