Indira Gandhi Biography in Hindi – इंदिरा गाँधी की जीवनी

By | February 20, 2021

भारत की एक ऐसी शक्तिशाली महिला प्रधानमन्त्री जिनके बारे में तो आप जानतें ही होगें? इस बायोग्राफी पोस्ट में आप इनके सम्पूर्ण जीवन के बारे में बिस्तार से जानेगे, तो चलिए शुरू करते हैं Indira Gandhi Biography in Hindi से जुडी सभी जानकारी के बारे में हिन्दी में।

इन्दिरा गाँधी का जीवन परिचय –

इन्दिरा गाँधी भारत की पहली महिला प्रधानमन्त्री थीं, इनको प्रियदर्शिनी गाँधी के नाम से भी जाना जाता है, यह लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री थीं। इनका जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद, ब्रिटिश भारत (वर्तमान में प्रायगराज) में हुआ था। भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री श्री जवाहर लाल नेहरू इनके पिता थे और कमला नेहरू इनकी माता थीं। इन्होने फ़िरोज़ गाँधी से विवाह किया था, इनके दो बेटे थे, जिनका नाम राजीव गाँधी और फ़िरोज़ गाँधी था, जिनके बारे में आप अच्छी तरह से जानतें होगें। सोनिया गाँधी और मेनका गाँधी इनकी बहुएं हैं, राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी और वरुण गाँधी इनके पोते हैं।

कार्यकाल और पद –

  • 1959 और 1960 के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गयीं।
  • वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 बार भारत की प्रधानमन्त्री रहीं
  • 14 जनवरी1980 – 15 जनवरी 1982 के बीच भारत की रक्षामंत्री भी रहीं
  • 27 जून 1970 – 4 फ़रवरी 1973 के बीच भारत की गृहमन्त्री भी रही
  • 16 जुलाई 1969 – 27 जून 1970 के बीच इंदिरा जी भारत की वित्तमंत्री भी रहीं थी।
  • चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं।

Indira Gandhi Biography in Hindi – संछिप्त परिचय

Indira Gandhi biography in hindi

  • वास्तविक नाम – इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी
  • प्रचलित नाम – आयरन लेडी
  • प्रोफेशन – राजनीतिज्ञ
  • जन्म – 19 नवंबर 1917 को नेहरू परिवार में
  • पिता का नाम – पूर्व प्रधानमन्त्री पंडित नेहरू
  • माता का नाम – कमला नेहरू
  • संताने – राजीव गाँधी (पूर्व प्रधानमन्त्री) और फ़िरोज़ गाँधी
  • विदेश तथा घरेलू नीति एवं राष्ट्रिय सुरक्षा के लिए कार्य किया।
  • परमाणु कार्यक्रम पर भी कुछ कार्य किये थे।
  • हरित क्रांति में भी समर्थन किया था।
  • 1971 के चुनाव में विजय और द्वितीय कार्यकाल
  • भ्रष्टाचार आरोप और चुनावी कदाचार का फैसला
  • आपातकालीन स्थिति (1975-1977)
  • ओपरेशन ब्लू स्टार और हत्या

इंदिरा गांघी की शिक्षा –

इन्दिरा गाँधी के बारे में कहा जाता है कि उस ज़माने में जब देश में शिक्षा का अस्तर काफी कम हुआ करता था, तब भी इन्होने काफी अच्छी शिक्षा ली थी, तब भारत में महिला शिक्षा नाममात्र हुआ करती थी। 1934–35 में इन्दिरा ने अपनी स्कूली शिक्षा समाप्त कर ली थी, यह सोमरविल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड (इंग्लैंड) से पढ़ी थीं, बताया जाता है की ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में बैठीं थीं मगर यह उसमे विफल रहीं बाद में यह ब्रिस्टल के बैडमिंटन स्कूल में कुछ महीने रहीं थी, बाद में इन्होने फिर से वर्ष 1937 में परीक्षा में सफल होने के बाद सोमरविल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया। इसके पहले इन्होने विश्व-भारती विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया था। शिक्षा पूरी होने के बाद इंदिरा गाँधी भारत वापस आ गयीं जहाँ इन्होने 16 मार्च 1942 को आनंद भवन, इलाहाबाद में एक निजी आदि धर्म ब्रह्म-वैदिक समारोह में फिरोज़ से विवाह किया था।

इन्दिरा गाँधी का राजनितिक सफर –

सबसे पहले यह कांग्रेस की अध्यक्ष बनी थीं।
उसके बाद यह लगातार तीन बार देश की प्रधानमन्त्री थीं।
यह भारत की पहली महिला प्रधानमन्त्री थीं।
चौथी बार प्रधानमन्त्री बनी उसी दौरान इनकी हत्या हुई थी।

इन्दिरा गाँधी पुरस्कार और सम्मान –

वर्ष इंदिरा को 1953 में यूएसए में मदर्स अवार्ड भी दिया गया।
1967 और 1968 में फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के पोल के मुताबिक इंदिरा फ्रेंच लोगों की सबसे पसंदीदा नेता थीं।
1971 में यूएसए के विशेष गेलप पोल सर्वे के मुताबिक इंदिरा दुनिया के सबसे सम्मानीय महिला थी।
इन्होने अपने समय में सशक्त महिला के लिए भी कई कार्य किये थे।
वर्ष 1971 में इनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

इनके नाम से देश में कई म्यूजियम, मेमोरियल, हॉस्पिटल, एजुकेशनल इंस्टिट्यूट, एयरपोर्ट, रिसर्च सेण्टर, आई. आई टी, ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), समुद्री ब्रिज पंबन जैसे कई संस्थान हैं।

रोचक जानकारी –

इनको लोगों द्वारा आयरन लेडी भी कहा जाता है।
इन्होने देश के लिए बहुत कुछ किया है, इनके योगदान के बारे में विस्तार से जानने के लिए विकिपीडिया देखें।
वर्ष 1971 में इंदिरा को बहुत बडे संकट का सामना करना पड़ा।
इनके शासनकाल में भारत पाकिस्तान का युद्ध भी हुआ था जिसके बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ।

इंदिरा गांघी की हत्या (मृत्यु)

इन्दिरा गाँधी के बहुसंख्यक अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअन्त सिंह ने 31 अक्टूबर 1984 को इनकी हत्या कर दी थी, उसके बाद देश में दंगे हो गए थे बाद में राजीव गाँधी को देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया था।

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