Albart Einstein Biography in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय

By | May 3, 2020

अल्बर्ट आइंस्टीन, दुनिया के महान वैज्ञानिक, जिन्होंने बिज्ञान को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया इन्होंने लोगों में बिज्ञान के प्रति रूचि पैदा की, इनके अविष्कारों को आज भी दुनिया याद करती है। आइंस्टीन ने थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी का सिद्धांत दिया था। साइंस सेक्टर में अभूतपूर्व योग्यदान के लिए उन्हें 1921 में फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार दिया गया था, इस पोस्ट में आप Albart Einstein Biography in Hindi से जुडी जानकारी प्राप्त करेंगे।

Albart Einstein Biography in Hindi – जीवन परिचय

Albart Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (Albert Einstein Birthday) 14 March 1879 को जर्मनी के उल्मा में हुआ था, इनका पूरा नाम अल्बर्ट हेमर्न आइन्स्टीन था। बताया जाता है की जब इनका जन्म हुआ था तब इनके सिर का आकार कुछ अजीब सा था, मगर समय के साथ वो ठीक हो गया। इनके बारे में कहां जाता है की ये बचपन में दूसरे बच्चों की अपेक्षा थोड़ा टाइम बाद बोल पाए थे, बताया जाता है की 4 वर्ष के हो जाने के बाद ही ये बोल पाए थे। आइंस्टीन क्लासिकल म्यूजिक के बहुत बड़े फेन थे, उन्होंने एक बार कहा था की अगर मैं बैज्ञानिक नहीं होता तो एक अच्छा म्यूजिशियन जरूर होता।

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार – (Albert Einstein Family)

अल्बर्ट का जन्म एक मध्यम वर्गीय यहूदी परिवार में हुआ था, इनके पिता का नाम हेमर्न आइन्स्टीन और माँ का नाम पौलिन कोच था। बताया जाता है की इनके पिताजी सैल्मन और इंजीनियर थे जिन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक उपकरण बनाने की कंपनी खोली थी। उनकी माताजी एक गृहणी थी, इनके बहन का नाम माजा था जो अल्बर्ट आइंस्टीन से 2 वर्ष छोटी थी।

वैवाहिक जीवन (Albert Einstein Marriage Life)

बताया जाता है की अल्बर्ट आइंस्टीन ने 2 शादी की थी, उनकी पहली शादी वर्ष 1903 में मिलेना मरिक से हुई थी, जिससे वो अपने स्कूल के दिनों में मिले थे, वर्ष 1902 में पिता की मृत्यु के बाद ही अल्बर्ट ने मिलेना मरिक से शादी की थी। उसके बाद इस शादी से अल्बर्ट को एक बेटी और दो बेटे पैदा हुए, उसके बाद वर्ष 1919 में इनका तलाक हो गया, इसके बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी कजिन से शादी कर ली।

Albert Einstein Inventions and Discoveries in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टीन के आविष्कार

बताया जाता है की अल्बर्ट ने अपने जीवन में कई अविष्कार किये, लेकिन थॉयरी ऑफ़ रिलेटिविटी (सापेक्षता का सिद्धांत) के कारण उन्हें बहुत याद किया जाता है। यही वो सिद्धांत था जिसके वजह से परमाणु ऊर्जा और परमाणु बॉम्ब दुनिया के आधार में आया।

Albart Einstein Biography in Hindi  – थॉयरी ऑफ़ रिलेटिविटी

अल्बर्ट ने वर्ष 1905 में स्पेशल थॉयरी ऑफ़ रिलेटिविटी का सिद्धांत दुनिया को दिया, उसके बाद वो वर्ष 1915 में जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी का सिद्धांत दिया, इस थ्योरी की मदद से उन्होंने ग्रहों की सूर्य की परिक्रमा की कक्षाओं की सही भविष्यवाणी की थी, गुरत्वाकर्षण बल कैसे काम करता इसमें इन्होंने अच्छे से बताया है। इसके बाद दो ब्रिटिश वैज्ञानिकों (British Scientist) सर फ्रैंक डयसन और सर आर्थर एड्डिंगटन ने 1919 में सूर्य ग्रहण के दौरान इनकी पुष्टि की थी।

E=MC2 सिद्धांत

वर्ष 1905 में अपने एक रिसर्च में अल्बर्ट ने E=MC2 का सिद्धांत बताया था, जो आगे चलकर दुनिया का सबसे प्रसिद्ध फार्मूला बन गया इस फार्मूला में E एनर्जी है जो कि वस्तु के मास (m) और स्पीड ऑफ़ लाइट (C) की पावर 2 के बराबर माना गया।

Albert Einstein Facts in Hindi – रोचक तथ्य

  • बताया जाता है की अल्बर्ट आइंस्टीन बहुत कम उम्र (महज 16 वर्ष) की आयु में अपना पहला रिसर्च पेपर पब्लिश किये थे, जिसका शीर्षक ” द इन्वेस्टीगेशन ऑफ़ द स्टेट ऑफ़ ऐथेर इन मेग्नेटिक फ़ील्ड्स” था।
  • जब अल्बर्ट अपने स्कूल (स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल) में एडमिशन के लिए टेस्ट देने गए थे तब उनका प्रदर्शन मैथ और फिजिक्स को छोड़कर बाकी सब्जेक्ट्स में बहुत बुरा था।
  • बताया गया है की अल्बर्ट के दिमाग में पैरिटल लोब का आकार सामान्य ब्रेन के मुकाबले 15 % बड़ा था।
  • जन्म से ही अल्बर्ट आइंस्टीन अनलिटिकल और क्यूरियस माइंड वाले थे लेकिन उनकी मेमोरी बहुत वीक थी वो डेट और फ़ोन नंबर याद नहीं कर पाते थे।
  • आइंस्टीन को मोजा पहनना बिलकुल भी पसंद नहीं था।
  • यह एक यहूदी समाज से सम्बन्ध रखते थे और इजरायल में रहते थे, जो की एक यहूदी देश है बताया ज्यादा है की इनको वर्ष 1952 में इज़रायल का राष्ट्रपति बनने का अवसर दिया गया था लेकिन आइंस्टीन ने उसे ठुकरा दिया था।
  • इन्होंने अलकोहल गैस से चलने वाले रेफ्रिजरेटर का अविष्कार भी किया था, मगर नयी टेक्नोलॉजी आने के कारण इसपर आगे कभी काम नहीं हो पाया।
  • आइंस्टीन की मृत्यु के बाद जिस डॉक्टर ने उनके शव का परीक्षण किया उसने उनके दिमाग को निकाल कर एक जार में रख लिया था, जिसके लिए उसको नौकरी से निकाल दिया गया था फिर भी उसके वो जार नहीं लौटाया, बाद में कुछ दिन बाद उसके वह जार स्वतः लौटा दिया।
  • अल्बर्ट को जिस e=mc2 फार्मूला से पहचान मिली वो फार्मूला सबसे पहले फ्रेड्रिच के द्वारा इस्तेमाल किया था।
  • जब हिटलर जर्मनी का वाईस चांसलर बना, उसके ठीक एक महीने बाद आइंस्टीन ने जर्मनी छोड़ दिया और स्थाई रूप से अमेरिका में जाकर बस गए, उसके बाद वो कभी भी जर्मनी नहीं आये। कहा जाता है की अमेरिका में बहार से आये दिमाग ने ऐसी तरक्की की, जिसकी वजह से आज अमेरिका नंबर वन बना है अमेरिकी लोग ऐसे लोगों की कदर भी बहुत करते है।
  • प्राइज फोटोइलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट के लिए आइंस्टीन को नॉवल पुरस्कार दिया गया था, जबकि बहुत लोग यह मानते है की इनको यह पुरस्कार “अवार्ड थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी” के लिए मिला था।

Albert Einstein दुनिया के महान बैज्ञानिक थे, आज भी लोग उनको याद करते है, जब तक यह दुनिया रहेगी लोग उनको याद करते रहेंगे।

Albart Einstein Biography in Hindi, से जुडी जानकारी आपको कैसी लगी ?

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