Kanhaiya Kumar Biography Hindi – कन्हैया कुमार भारतीय राजनीति में अभी एक नए चेहरे के रूप में हैं यह पहले एक छात्र हुआ करते थे, अभी यह एक सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ हैं, पहले कुछ वर्षों पहले यह जेएनयू छात्र संघ के एक अगुवा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अभी हाल ही में कुछ साल पहले इनको अखिल भारतीय छात्र परिषद (AISF), जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) की स्टूडैंट विंग है, का नेता भी बनाया गया था। इन्होने 17 वीं लोकसभा चुनाव में बेगूसराय लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था, मगर इसमें इनकी करारी हार हो गयी थी, इनको बीजेपी के गिरिराज सिंह ने हराया था। (Biography of Kanhaiya Kumar)
कन्हैया कुमार का जन्म और परिवार –
कन्हैया कुमार का जन्म जनवरी 1987 में बरौनी, बेगूसराय, बिहार, भारत में हुआ था, इनके पिता का नाम जयशंकर सिंह है, जो एक किसान हैं, माता का नाम मीना देवी है जो एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। इनके दो और भाई हैं, एक का नाम प्रिन्स है जो इनसे छोटा है और नौकरी के लिए तैयारी कर रहा है, और एक भाई मणिकांत हैं जो असम में एक कंपनी में पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत हैं। इनके पिता के बारे में बताया जाता है कि वो लकवे की बीमारी से पीड़ित हैं और कई सालों से बिस्तर पर ही हैं।
Kanhaiya Kumar Biography Hindi – संछिप्त परिचय
- वास्तविक नाम – कन्हैया कुमार
- प्रोफेशन – छात्र, कार्यकर्ता, राजनेता
- जन्म – जनवरी 1987
- जन्म स्थान – बरौनी, बेगूसराय, बिहार
- शैक्षणिक योग्यता – अफ्रीकी अध्ययन में पीएचडी
- धर्म- हिन्दू
- जाति – भूमिहार ब्राह्मण
- शौक – थिएटर करना और भोजन बनाना
- प्रसिद्धि – कॉलेज के दिनों में देश विरोधी नारे की वजह से
- विवाद – 13 फरवरी 2016 को, छात्र रैली में राष्ट्र विरोधी नारे लगाने की वजह
- वैवाहिक स्थिति – अविवाहित
कन्हैया कुमार की शिक्षा – (Education)
कन्हैया कुमार ने अपनी शुरुआती शिक्षा आर. के. सी. हाई स्कूल बरौनी, बेगूसराय, बिहार से की थी, उसके बाद यह बिहार की राजधानी पटना से ग्रेजुएशन किये, बाद में इन्होने मगध पीएचडी युनिवर्सिटी, गया, बोध गया से पोस्ट ग्रेजुएशन किया, फिर यह देश की राजधानी दिल्ली चले आये, यहीं पर इन्होने अपनी आगे की पढाई जारी रखी यह इंटरनेशनल स्टडीज स्कूल जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से अफ्रीकी अध्ययन में पीएचडी किये, उसी समय यह छात्र संघ के नेता भी रहे और देश के खिलाफ एक रैली में राष्ट्र विरोधी नारे भी लगाए, जिसकी वजह से इनको 6 महीने तक जेल में रहना पड़ा था।
यह हमेशा से एक एवरेज स्टूडेंट रहे थे, अब तो यह राजनितिक दुनिया में आ गए है चुनाव भी लड़ चुके है और बुरी तरीके से हार भी हो गयी है इनकी, आने वाले समय में यह फिर से चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए आजकल खूब मेहनत में लगे है। पहले से अपनी छवि ख़राब कर चुके है इसलिए अब आगे क्या होता वो तो समय बताएगा।
कन्हैया कुमार का राजनितिक सफर –
कन्हैया कुमार ने अपने कैरियर की शुरुवात 17वीं लोकसभा चुनाव में बेगूसराय लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से की थी, जिसमे इनके प्रतिद्वंदी बीजेपी के मशहूर नेता गिरिराज सिंह थे, जिन्होंने इनको चार लाख 22 हजार वोटों से हरा दिया था। तभी से यह राजनितिक दुनिया में आये थे, और अभी भी सक्रिय है आने वाले समय में यह फिर से चुनाव लड़ेंगे ऐसी चर्चा चल रही है, यह सी.पी.एम. की पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं।
विवाद –
फ़रवरी 2016 में इन्होने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगाए थे, जिसमे इन्होने ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और ‘अफ़ज़ल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे लगाए थे, उसके बाद इनको जेल भी हो गयी थी। इनके और भी कई विवाद और नारे है जिनको लेकर इनकी छवि लोगों में कुछ खास नहीं है।
3 मार्च 2016 को, तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद, कन्हैया ने जेएनयू में एकत्र छात्रों को एक भाषण दिया था।
कन्हैया कुमार से जुडी रोचक जानकारी – (Kanhaiya Kumar Biography Hindi)
- स्कूली दिनों में कन्हैया कुमार थिएटर और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित नाटकों का मंचन करते थे।
- यह छात्रनेता भी रह चुके है।
- वर्तमान में यह राजनितिक दुनिया में आ गए हैं।
- हलाकि अभी तक इन्होने कोई राजनैतिक चुनाव नहीं जीता है।
- आने वाले समय में यह फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
- अच्छे ब्यक्तिव के हैं, मगर छवि ख़राब कर चुकें हैं।
- नरेंद्र मोदी और अमित शाह के ऊपर कुछ न कुछ बोलते रहते है कन्हैया कुमार।
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