Devkinandan Thakur Biography in Hindi – श्रीमद भागवत कथा के महान वाचक “देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज” का जन्म 12 सितम्बर 1978 को ओहावा गांव मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे ठाकुर जी महाराज के पिता का नाम श्री राजवीर शर्मा और उनकी मां दोनों धार्मिक थे। 6 साल की उम्र में देवकीनंदन घर छोड़कर वृंदावन चले गए जहाँ वो ब्रज के रासलीला संस्थान में हिस्सा लिए, जहाँ पर उन्होंने भगवान कृष्ण और भगवान राम की भूमिकाएं निभाईं थी। (devkinandan ki jivani, devkinandan thakur ki jivani, family, katha fees, wiki, katha, age, aastha, bhagwat, bhajan, guru & more)
Devkinandan Thakur Biography in Hindi
आज के समय में श्री देवकीनन्दन ठाकुरजी महाराज एक आध्यात्मिक गुरु हैं और मानवतावादी भी, उनका मधुर भजन, प्रवचन हर आत्मा के भीतर एक आनन्द की अनुभूति लाता है, आज इनके द्वारा सुनाई गयी कथाएं पूरी दुनिया में सुनी जाती है ये पूरी दुनिया में अपना सतसंग करते है बहुत लोग तो इनको इंटरनेट पर सर्च करके सुनते है यूट्यूब पर इनका चैनल है जहाँ इनके सभी समागम और कथा की वीडियो ऑनलाइन उपलब्ध है, इनको विश्वगुरु भी कहा जाता है। बृंदाबन में इनका बहुत विशाल आश्रम है जहाँ दुनिया भर के लोग रहते है, इनके आश्रम में हर तरह की सुबिधा है जिसका लाभ सभी को मिलता है, भगवान कृष्णा का भव्य मंदिर भी है जहाँ सभी श्रधलुगण नितप्रतिदिन भगवान् की सेवा करते है।
देवकीनन्दन ठाकुरजी महाराज – संछिप्त परिचय
नाम – श्री देवकीनन्दन ठाकुरजी
जन्म – 12 सितम्बर 1978 को ओहावा गांव मथुरा, उत्तर प्रदेश
पिता का नाम – श्री राजवीर शर्मा
माता का नाम – ज्ञात नहीं है।
काम – हिंदू पुराण कथावाचक, गायक और एक आध्यात्मिक गुरु
निवास – मथुरा बृंदाबन UP भारत
पत्नी – अंदमाता
संतान – Devansh
पुरस्कार – 2015 में यूपी रतन पुरस्कार
संस्था – विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट
Official Website – विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट
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Devkinandan Thakur Biography in Hindi – Career
वर्ष 1997 से, वह भगवत गीता और राम कथा के प्रचार में सक्रिय हुए थे उसके बाद इन्होने देश और दुनिया में भगवान कृष्णा और राम कथा का खूब प्रचार प्रसार किया, लोगों के जीवन में इन्होने एक नयी ज्योति जागृत की लोग इनके कथा से काफी प्रभावित हुए और अपने जीवन को अच्छा बनायें, देवकीनन्दन ठाकुरजी महाराज के सामाजिक कामों की प्रसंशा Prime Minister Narendra Modi, Mathura M.P. Hema Malini, and UP Chief Minister Yogi Adityanath कर चुके है। ठाकुरजी महाराज पहली बार देश से बाहर हांगकांग में श्रीमद् भागवत कथा की थी उसके बाद वो अमेरिका, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे और हॉलैंड जैसे देशों में अपने कथा से लोगों को ज्ञान दिया है।
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Devkinandan ThakurJi से जुडी कुछ और जानकारी –
- बचपन में ही उनमें दिव्य अंतर्दृष्टि और महानता के लक्षण देवकीनन्दन ठाकुरजी महाराज में दिखाई देने लगे थे।
- किसी समय इन्होने आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु अनंत श्री विभुतीत भागवत आचार्य पुरुषोत्तम शरण शास्त्रीजी से भी मुलाकात की थी।
- देवकीनन्दन ठाकुरजी निंबार्क संप्रदाय के अनुयायी के रूप में गुरु-शिष्य परंपरा के तहत अपनी आध्यात्मिक शिक्षा दीक्षा ली थी।
- यह भागवत कथा के एक महान प्रवक्ता है।
- कहा जाता है इनको पूरी श्रीमध भागवत महापुराण याद है।
- बताया जाता है की ये बहुत कम अवधि में ही इन्होने प्राचीन ग्रंथों को आत्मा से जोड़कर अध्ययन किया था।
- इनके इन्हीं अच्छे कर्मों की वजह से इनका नाम “श्री देवकीनन्दन ठाकुरजी महाराज” पड़ा।
- 18 वर्ष की आयु में श्री देवकीनन्दन ठाकुरजी ने शाहदरा के श्रीराम मंदिर में श्रीमद भागवत महापुराण की शिक्षाओं का जिक्र किया और प्रचार किया।
- इनकी दिव्य आवाज़ और अनूठे तरीके से लोग इनके भक्त हो जाते है।
- देवकीनन्दन ठाकुरजी सच्चाई, ईमानदारी, करुणा, देखभाल और आध्यात्मिक ज्ञान के अलावा, एक सुप्रसिद्ध वक्ता जो मधुर आवाज़ के धनी है।
- श्री ब्राह्मण महासंघ ने परम पूज्य श्री देवकीनन्दन ठाकुरजी को अचार्यिंद्र के पद के साथ सम्मानित किया था।
- धर्मार्थ कार्यों के लिए ठाकुरजी को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यूपी रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
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