Atal Bihari Vajpayee Hindi (Biography) – राजनीति की दुनिया में भीष्म पितामह कहे जाने वाले विश्वविख्यात राजनीतिज्ञ, भाषाविद, कवि और पत्रकार स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म (क्रिसमस के दिन ब्रिटिश भारत) 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश भारत में हुआ था। इन्होंने अपने जीवन में इतने कार्य किये है जितना आजतक कोई नेता नहीं कर सका है, यह ऐसे नेता थे, जिनकी प्रशंसा विरोधी लोग भी किया करते थे।
भारत रत्न प्राप्त और जन जन के दिलों में बसने वाले श्री अटल जी ने अपने राजनितिक सफर में कई पदों पर रहे थे। (atal bihari vajpayee biography in hindi, who is atal bihari vajpayee, atal bihari vajpayee ka jeevan parichay, atal bihari vajpayee wikipedia in hindi, atal bihari vajpayee poems, atal bihari vajpayee in hindi poem, atalbiharivajpayeedaughter)
अटलजी का परिवार – अटल बिहारी के पिताजी का नाम कृष्ण वाजपेयी था, जो एक कवि और स्कूल मास्टर हुआ करते थे। माता का नाम कृष्णा देवी, अवध बिहारी वाजपेयी, प्रेम बिहारी वाजपेयी और सुदा बिहारी वाजपेयी इनके भाई है, उर्मिला मिश्रा, विमल मिश्रा और कमला देवी इनकी बहनें है। अटल की दत्तक पुत्री नमिता है, राजकुमारी कौल का प्रेम विवाह रंजन भट्टाचार्य से हुआ था।
Atal Bihari Vajpayee Hindi (Biography) – संछिप्त परिचय
- वास्तविक नाम – अटल बिहारी वाजपेयी
- उपनाम – अटलजी
- प्रोफेशन – भारतीय राजनेता
- पार्टी/दल – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
- पद – भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
- जन्म – 25 दिसंबर 1924
- जन्म स्थान – ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत
- राजनीति में आने के बाद – दिल्ली में रहते थे
- पैतृक गांव आगरा, उत्तर प्रदेश में है।
- राजनितिक दुनिया में कदम – अगस्त 1942 में
- धर्म – हिन्दू
- जाति – ब्राह्मण
- वर्तमान पता जहाँ वो रहते थे – 6-ए, कृष्ण मेनन मार्ग, नई दिल्ली – 110011
- शौक – कविता लिखना, भारतीय संगीत सुनना, पढ़ना, यात्रा करना
- वैवाहिक स्थिति – अविवाहित
- गर्लफ्रेंड एवं अन्य मामले – राजकुमारी कौल (मई 2014 में देहांत)
- पत्नी – लागू नहीं
- पोती – निहारिका
- दामाद – रंजन भट्टाचार्य (व्यवसायी)
- पसंदीदा कार – एंबेसडर (मॉडल 1987)
- Atal Bihari Vajpayee net worth – $2 million dollars
- Atal Bihari Vajpayee Height – 168 Cm
- मृत्यु तिथि – 16 अगस्त 2018
- मृत्यु स्थल – एम्स, नई दिल्ली
- मृत्यु का कारण – लंबी बीमारी (कई वर्षों तक अटल जी बिस्तर पर ही रहे थे)
- समाधि स्थल – राष्ट्रीय स्मृति स्थल, नई दिल्ली
अटल जी अपने जमाने के बहुत अच्छे कवि भी थे, इनकी कवितायेँ आज भी अमर है, लोग इनकी लिखी कविता आज भी पढ़ते है, कई शॉपिंग साइट और बुक स्टाल पर यह ऑनलाइन भी मिलती है, जब अटल जी अपने से यह कविता सुनाते थे तो लोग देखते ही रह जाते थे।
अटल जी की पसंदीदा चीजें –
- भोजन में अटल बिहारी को चाइनीज व्यंजन, झींगा (Prawns), मंगौड़े, अलवर मिल्क केक, खिचड़ी, पूरी-कचौरी, दही-पकौड़ी, पराँठा, मालपुआ और कचौरी पसंद था।
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी अटलजी के पसंदीदा राजनेता हुआ करते थे।
- नेताओं में यह गांधीजी और नेहरू जी को पसंद करते थे।
- शरतचंद्र और प्रेमचंद इनके पसंद के लेखक थे।
- हरिवंश राय बच्चन, रामनाथ अवस्थी, डॉ शिवमंगल सिंह, ‘निराला’, बाल कृष्ण शर्मा नवीन, जगन्नाथ प्रसाद मिलिंद और फैज अहमद फैज इनके पसंदीदा कवि थे।
- लता मंगेशकर, मुकेश और एस.डी. बर्मन इनके पसंदीदा गायक/गायिका है।
- सचिन देव बर्मन इनके पसंदीदा संगीतकार थे।
- संजीव कुमार, दिलीप कुमार, सुचित्रा सेन, राखी गुलज़ार और नूतन इनकी पसंद के हीरो और हीरोइन थे।
- (ओ मेरे माझी), (सुन मेरे बंधू रे), और (कभी कभी मेरे दिल में) (मुकेश और लता) के गाने अटलजी सुना करते थे।
- (देवदास 1955), (बंदिनी), (तीसरी कसम), (मौसम1975),( ममता) और (आँधी) फ़िल्में पसंद थीं।
- हॉलीवुड में यह (Bridge Over the River Kwai), (Born Free) and (Gandhi) जैसी मूवी को पसंद करते थे।
- मनाली अटलजी का सबसे पसंदीदा स्थान था, जहाँ को बार – बार जाया करते थे।
- अपना देश भारत उनको बहुत ही पसंद था।
अटल बिहारी बाजपेयी की शिक्षा – (Education)
अटलजी जब छोटे थे तो इन्होने सरकारी स्कूल से पढाई की थी, क्योंकि उस ज़माने में प्राइवेट स्कूल नहीं हुआ करते थे, बाद में इन्होने उच्च माध्यमिक विद्यालय, गोरखी, बारा, ग्वालियर से अपनी आगे की पढाई की थी। फिर यह विक्टोरिया कॉलेज (अब लक्ष्मी बाई कॉलेज), ग्वालियर, मध्य प्रदेश से अपनी आगे की पढाई जारी रखी, कुछ समय बाद इन्होने दयानंद एंग्लो-वैदिक (डीएवी) कॉलेज, कानपुर, उत्तर प्रदेश से भी पढाई की।
अटलजी ने हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत के साथ स्नातक किया था। बाद में यह राजनीति विज्ञान में एम.ए (M.A) भी किये थे। पढाई पूरी करने के बाद इन्होने राजनितिक दुनिया में कदम रखा था।
अटल बिहारी बाजपेयी का लम्बा राजनितिक सफर
उन दिनों की बाद है जब देश भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था, हर तरफ बस देश को अंग्रेजों से आजाद करवाने की ही बात चल रही थी, उसी समय अटल जी भी राजनीति की दुनिया में कदम रखने के लिए तैयार हो रहे थे और अंततः इन्होने अगस्त 1942 में इस दुनिया में कदम रख ही दिया, उसके बाद इन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, और वर्ष २००४ तक सक्रिय राजनीति में रहे।
वैसे कहा जाय तो अटल जी ने दुनिया के सबसे बड़े राजनितिक कैरियर को बनाया इनसे बड़ा नेता और राजनैतिक कैरियर दुनिया में आजतक न ही किसी का था और न ही किसी का होगा भी, 65 साल राजनीति में कम नहीं होते।
- वर्ष 1951 में अटलजी को भारतीय जनसंघ (एक नवगठित हिंदू राइट विंग राजनीतिक दल) में शामिल किया गया था जिसमे इनको उत्तरी क्षेत्र के राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया था।
- वर्ष 1957 में अटल जी ने मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़े, और राजा महेंद्र प्रताप से हार गए।
- वर्ष 1957 में यह पहली बार बलरामपुर (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा के लिए चुने गए थे।
- समय बीतता गया वर्ष 1968 में अटलजी को जनसंघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया।
- वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल के दौरान इनको अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद यह वर्ष 1977 तक जेल में रहे।
- वर्ष 1977 में बाजपेयी जी को पहली बार मोरारजी देसाई के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री बनने का अवसर मिला था।
- समय के साथ इन्होने वर्ष 1980 में अपने सहयोगियों के साथ मिल कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गठन किया और बीजेपी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
- लम्बे संघर्ष के बाद आखिर वो दिन आ ही गया जब 16 मई 1996 को, अटल जी भारत के 10 वें प्रधानमंत्री बन गए।
19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक, अटलजी फिर से भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। यहीं से इनके राजनितिक जीवन का सफर ख़त्म होने लगा था, धीरे – धीरे इन्होने राजनितिक दुनिया को अलविदा कह दिया। समय के साथ इन्होने एक लम्बी बीमारी हो गयी जिसकी वजह से इनको कई वर्षों तक बिस्तर पर ही रहना पड़ा था, अंततः 16 अगस्त 2018 को एम्स, नई दिल्ली में इन्होने अंतिम साँस ली, इनकी मृत्यु के बाद देश में शोक की लहर छा गयी थी, ऐसा नेता न ही दुनिया को कभी मिला था और ना ही आने वाले समय में मिलेगा जैसा अटलजी थे।
अटल बिहारी बाजपेयी को मिले पुरस्कार और सम्मान –
अटलजी ने अपने जीवन में कई समाजकल्याण के कार्यों को किया जिसकी वजह से इनको कई संस्था और सरकार की तरह से बहुत सारे पुरस्कार भी मिले थे, जिनका विवरण कुछ इस प्रकार है।
- वर्ष 1992 में अटल बिहारी जी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 1994 में इनको सर्वश्रेष्ठ सासंद का पुरस्कार मिला था।
- वर्ष 2015 में अटल जी को भारत का सबसे बड़ा सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था, उस समय नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री थे, आज भी है।
अटल बिहारी बाजपेयी से जुडी रोचक जानकारी – (Atal Bihari Vajpayee Hindi (Biography)
अटल जी की 10 कवितायेँ जिनको आप को जरूर देखना चाहिए।
- बाबा साहेब आप्टे से प्रभावित होने पर अटलजी ने वर्ष 1939 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ज्वाइन कर लिया था। उसके बाद यह 1947 तक उसमे सक्रिय रहे।
- बताया जाता है की अटल बिहारी ने कानून का अध्ययन भी किया था।
- उस समय देश में विभाजन दंगों के कारण माहौल कुछ अच्छा नहीं था जिसकी वजह से इन्होने अपनी कानून की पढाई छोड़ दी थी।
- इन्होने कुछ समय के लिए दीनदयाल उपाध्याय अखबारों के लिए काम किया था।
- अटल जी ने पांचजन्य (एक हिंदी साप्ताहिक), राष्ट्रधर्म (एक हिंदी मासिक), दैनिक समाचार पत्र वीर अर्जुन और स्वदेश जैसी पत्रिकाओं में भी काम किया था।
- अटल जी के बारे में बताया जाता है कि यह 47 साल तक संसद के सदस्य रहे और इनकी पूरी राजनीति 60 साल की रही थी।
- इन्होने कई प्रेरणादायक कविताएँ भी लिखी हैं।
- अटल बिहारी ने वर्ष 1977 में, संयुक्त राष्ट्र को हिंदी में संबोधित किया था ऐसा करने वाले वह दुनिया के पहले व्यक्ति बने थे ।
- इनको एक सफल विदेशमन्त्री के रूप में भी माना जाता था।
- इनके राजनितिक जीवन में कभी भी कोई गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा था।
- हालांकि अयोध्या में “बाबरी मस्जिद” के विध्वंस के लिए भीड़ को उत्तेजित का आरोप इनपर लगा था।
- 13 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण अमेरिका के लाख माना करने के बाद भी एक सफल परमाणु परीक्षण किया गया था, यह काम अटल के बस का ही था, कोई और नेता होता तो वह ऐसा नहीं कर पाता।
- पी.वी. नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी दोस्त माने जाते थे।
उन दिनों की बात है जब भारत और पकिस्तान के रिश्ते अच्छे हो गए थे तब अटल जी ने 19 फ़रवरी 1999 को, लाहौर तक बस यात्रा शुरू की थी, जो काफी दिनों तक चली थी, फिलहाल यह बस सेवा अब बंद हो गयी है, हो सकता है आने वाले दिनों में यह फिर से बहाल हो।
वर्ष 2001 में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल मे अटलजी के घुटने की सर्जरी हुई थी, वर्ष 2009 में उन्हें एक स्ट्रोक का भी सामना करना पड़ा था, जिससे उनके बोलने की क्षमता पर असर पड़ गया था तब से 2018 तक अटलजी बिस्तर पर ही रहे।
अटलजी का प्रेम प्रसंग –
एक अनुमान के मुताबिक अटलजी को राजकुमारी कौल (ग्वालियर में उनके सहकर्मी) दोनों के मन में एक-दूसरे के लिए भावनाएं थीं, एक बार इन्होने उनको एक लेटर भी लिखा था जो कॉलेज की पुस्तकालय में एक पुस्तक में रखा था, लेकिन राजकुमारी ने उस पत्र का कोई जबाब नहीं दिया था। एक इंटरव्यू में उनसे यह बात पूँछी गयी थी मगर अटलजी न तो इसे स्वीकार किये और न ही इनकार किया।
- अटलजी की सबसे मशहूर कविता “काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं” थी, जिसको आज भी लोग बड़े मन से सुनते है।
- इसके अलावा भी अटल ने बहुत सारी कविताएं लिखी है, जिनको हमेशा याद किया जाएगा, अटल जी अमर रहे।
ये दुनिया संसार जब तक रहेगा अटलजी को याद किया जाएगा “जय हिंदी जय भारत”
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