Homi J Bhabha Biography Hindi – होमी जहांगीर भाभा की जीवनी

By | July 22, 2020

Homi J Bhabha Biography Hindi – होमी जहांगीर भाभा भारत के महान परमाणु वैज्ञानिक थे, इनका जन्म 30 अक्टूबर, 1909 को मुंबई के एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। इनके पिता जहांगीर भाभा ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की थी यह एक जाने-माने वकील भी रहे थे, इन्होने कुछ समय के लिए टाटा इंटरप्राइजेज के लिए भी काम किया था। इनकी माता जी भी उच्च घराने से सम्बन्ध रखती थी।

Homi J Bhabha Biography Hindi – संछेप में परिचय

Homi J Bhabha Biography Hindi

  • नाम – होमी जहांगीर भाभा
  • जन्म – 30 अक्टूबर, 1909
  • जन्म स्थान – मुंबई
  • शिक्षा – बीएससी
  • प्रोफेशन – परमाणु वैज्ञानिक
  • मृत्यु – 24 जनवरी 1966 में स्विट्जरलैंड में
  • पाँच बार भौतिकी में नोबेल पुरस्कार
  • पश्चिमी देशों के वैज्ञानिक की भी हेल्प की
  • टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च’ की स्थापना की

Homi J Bhabha Education –

होमी भाभा की प्रारंभिक शिक्षा कैथरैडल स्कूल में हुई थी, बाद में यह आगे की शिक्षा के लिए जॉन केनन में गए थे, उसके बाद इन्होने एल्फिस्टन कॉलेज मुंबई और रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से बीएससी की परीक्षा पास की, बाद में यह इंग्लैंड चले गए जहाँ उन्होंने कैंब्रिज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

होमी भाभा ने वर्ष 1930 में स्नातक की उपाधि अर्जित की थी, सन् 1934 में यह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से ही डाक्टरेट की उपाधि भी ली थी। भाभा जी के बारे में एक मजेदार बात यह है की ये विज्ञान के साथ-साथ शास्त्रिय संगीत, मूर्तीकला, चित्रकला तथा नृत्य आदि क्षेत्रों में भी काफी रूचि लेते थे।

कुशाग्र बुद्धी के कारण होमी को लगातार छात्रवृत्ती मिलती रही

Homi J Bhabha Career –

दूसरे विश्वयुद्ध के प्रारंभ में वर्ष 1939 में होमी भाभा इंग्लैंड से भारत आये थे, तब तक यह दुनिया में काफी नाम कमा चुके थे, उसी समय यह बेंगलूर के इंडियन स्कूल आफ साइंस से जुड़ गए और वर्ष 1940 तक उसी में रीडर पद पर नियुक्त रहे। यही से इनके बिज्ञान के कैरियर की शुरुवात हुई थी, यही से इन्होने कॉस्मिक किरणों की खोज की और अपने लिए एक अलग से विभाग की स्थापना की।

होमी भाभा ने वर्ष 1945 में जेआरडी टाटा की मदद से मुंबई में ‘टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च’ की स्थापना की थी, जिसमे यह निदेशक भी रहे थे।

वर्ष 1948 में डॉ भाभा ने भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना की और अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा फ़ोरम्स पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।

वर्ष 1955 में जिनेवा में UNO द्वारा आयोजित ‘शांतिपूर्ण कार्यों के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग’ के पहले सम्मलेन में डॉ. होमी भाभा को सभापति बनाया गया।

पुरस्कार और सम्मान –

  • होमी भाभा ने भारतीय और विदेशी यूनिवर्सिटी से कई मानद डिग्रियां प्राप्त की थी।
  • वर्ष 1941 में मात्र 31 वर्ष की आयु में डॉ भाभा को रॉयल सोसाइटी का सदस्य चुना गया था।
  • होमी भाभा को पाँच बार भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया।
  • वर्ष में 1943 में एडम्स पुरस्कार मिला था।
  • होमी भाभा को वर्ष 1948 में हॉपकिन्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • वर्ष 1959 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने डॉ. ऑफ सांइस प्रदान किया गया था।
  • वर्ष 1954 में भारत सरकार ने डॉ. भाभा को पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया था।

होमी भाबा न सिर्फ़ एक महान गणितज्ञ और वैज्ञानिक थे बल्कि यह एक महान इंजीनियर, निर्माता और उद्यानकर्मी भी थे। इसके अलावा यह एक अच्छे कलाकार भी थे।

24 जनवरी 1966 में स्विट्जरलैंड में एक विमान दुर्घटना में भाभा जी की मृत्यु हो गयी थी।

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