Arunachalam Muruganantham Hindi – अरुनाचलम मुरुगनांथम (पैडमैन) की जीवनी

By | August 25, 2020

Arunachalam Muruganantham Hindi – दुनिया भर में मशहूर और पैडमैन के नाम से विख्यात अरुनाचलम मुरुगनांथम का जन्म 1962 में भारत के कोयंबतूर में एक हथ-करघा बुनकरों के परिवार में हुआ था, इन्होने एक सस्ते सैनिटरी पैड की खोज/निर्माण करके दुनिया में नाम कमाया है। यह भारत ही नहीं बल्कि दूसरे अन्य विकासशील देशों की ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य में एक क्रांति कारी परिवर्तन किये, आइए भारत के पैडमैन की प्रेरणादायक जीवनी के बारे में जानतें है। (Padman ka asli naam अरुणाचलम मुरुगनंतम है)

आज हमारा देश इतनी तेजी से तरक्की कर रहा है ऐसे में भारत के कई गांवों में महिलाएं आज भी पीरियड्स के दौरान पैड का इस्तेमाल नहीं करती हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह है की यह महंगा आता है, गावों के लोगों की आमदनी इतनी नहीं होती है की वो हर महीने अपनी आमदनी से महिलाओं के लिए पैड खरीद सके, ऐसे में भारत की महिलाओं की इस समस्या का समाधान अरुणाचलम मुरुगनंतम ने निकाला है, यही वो ब्यकित है जिन्होंने देश को पैड दिया जिसका इस्तेमाल आज हर महिला करती है।

Who is Arunachalam Muruganantham?

Arunachalam Muruganantham Hindi

(The Sanitary Napkin Man of India) अरुणाचलम मुरुगनंतम ही वो ब्यक्ति है, जिन्होंने भारत में सस्ते पैड का निर्माण किया। यह चाहते थे की देश की हर महिला सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करे। तमिलनाडु राज्य के कोयम्बटूर में जन्मे अरुणाचलम मुरुगनंतम बेहद ही गरीब परिवार से थे, जब यह छोटे थे तभी एक सड़क दुर्घटना ने इनके पिता की मृत्यु हो गयी थी, पिता की मृत्यु के बाद इनकी माता ए. वनिता ने मजदूरी करके इनको पाला था। जब मुरुगनंतम 14 साल के थे, तब इनको स्कूल से निकाल दिया गया था, घर चलाने के लिए इन्होने कई जगह नौकरी भी की, बाद में अपने मेहनत के बल पर इन्होने अपने को एक सामाजिक उद्यमी के तौर तैयार किया और दुनिया को दिखा दिया की ये भी कुछ कर सकते है। इन्हीं की वजह से आज गावों की महिलाएं भी पैड यूज़ करने लगी है, क्योंकि इन्होने सबसे सस्ते पैड का निर्माण किया है।

Arunachalam Muruganantham Sanitary Pad Story in Hindi

उन दिनों की बाद है जब अरुणाचलम मुरुगनंतम की वर्ष 1998 में शादी हुई थी, इनकी पत्नी का नाम शांती है, अपनी पत्नी शांती का पीरिड्य के दौरान महंगे पैड ना खरीद पाने और पैड की जगह न्यूजपेपर का इस्तेमाल करने की बात जब अरुणाचलम को पता चली, तो उन्होंने सस्ते पैड बनाने का ठान लिया। मुरुगनंतम को सस्ते पैड की मशीन बनाने में करीब दो साल लगे. इस दौरान इनको कई बार निराशा भी हाथ लगी, मगर इन्होने कभी हार नहीं मानी और कम लागत में सैनिटरी नैपकिन बनाने वाली मशीन का आविष्कार कर ही डाला।

जयाश्री इंडस्ट्रीज की स्थापना (Jayashree Industries)

अरुणाचलम मुरुगनंतम ने अपने सस्ते पैड बनाए जाने वाली मशीन और तकनीक को साल 2006 में आईआईटी मद्रास के सामने रखा था, जिसके बाद इनके इस आविष्कार को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ग्रासरूट टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन से अवार्ड भी मिला, यह पुरस्कार जितने के बाद अरुणाचलम मुरुगनंतम ने जयाश्री इंडस्ट्रीज की स्थापना की, इस इंडस्ट्री से बनी 1300 से ज्यादा मशीनें भारत के 27 राज्यों के अलावा अन्य सात देशों में स्थापित की गई हैं। वहीँ कॉर्पोरेट संस्थाओं ने उनके इस आविष्कार को खरीदने की कोशिश भी की थी, मगर इन्होने इंकार कर दिया। बताया जाता है की अरुणाचलम मुरुगनंतम ने आईआईटी बॉम्बे, आईआईएम बैंगलोर, आईआईएम अहमदाबाद और हावर्ड में इसपर भाषण भी दिया है।

मुरुगनंतम की उपलब्धियों –

मुरुगनंतम को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया है, इनको टाइम मैगज़ीन द्वारा विश्व के सबसे 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में साल 2014 में शामिल किया गया था।

मुरुगनंतम को “जव्ल्स ऑफ कोयम्बटूर ” अवॉर्ड भी मिल चूका है, इतना ही नहीं इनको भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, यूनाइटेड स्टेट के 44 वे राष्ट्रपति बराक ओबामा, शी जिनपिंग, शिंजो आबे, पुतिन, अरुंधति राय, हिलेरी क्लिंटन आदि जैसे विश्व प्रसिद्ध नेता और हस्तियों ने इनके काम और अविष्कार की सराहना भी की है, मुरुगनंतम के ऊपर कई डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई जा चुकी है।

अरुणाचलम मुरुगनंतम ने अपने जीवन में जिस तरह से संघर्ष करते हुए समाज की महिलाओं के लिए एक बेहतरीन आविष्कार किया हैं, उसकी जीतनी सराहना की जाय कम है, इनकी इसी मेहनत और काबिलियत की वजह से बॉलीवुड में उनके जीवन के ऊपर ‘पेंडमन’ नाम की एक फिल्म भी बनी है, जिसमे अक्षय कुमार इनका रोल अदा किये है, यह फिल्म सुपरहिट रही थी।

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