Rajendra Prasad Biography in Hindi – स्वतन्त्र भारत के पहले राष्ट्रपति, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर 1884 को जीरादेई, बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब बिहार में) में हुआ था। यह एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने सबसे ज्यादा समय तक भारत के राष्ट्रपति रहे थे। वर्ष 1962 में, इन्हें “भारत रत्न” की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
डॉ राजेंद्र प्रसाद का परिवार – इनके पिता का नाम महादेव सहाय था जो एक अध्यापक थे, इनकी माता का नाम कमलेश्वरी देवी था, महेंद्र प्रसाद इनके भाई और भगवती देवी इनकी बहन थी। इनका विवाह वर्ष 1897 में राजवंशी देवी (वर्ष 1961 में मृत्यु) से हुआ था, इनके बेटे का नाम मृतुंजय प्रसाद है, बेटी कोई नहीं। इनका जन्म एक कायस्थ परिवार में हुआ था। भारतीय संविधान के लागू होने से एक दिन पहले 25 जनवरी 1950 को उनकी बहन भगवती देवी का निधन का निधन हो गया था।
Rajendra Prasad Biography in Hindi – संछिप्त परिचय
- नाम – डॉ राजेंद्र प्रसाद
- उपनाम – देशरत्न
- प्रोफेशन – भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता
- राजनितिक दल – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी
- जन्म – 3 दिसम्बर 1884
- जन्म स्थान – जीरादेई, बंगाल प्रेसीडेंसी
- धर्म – हिन्दू
- जाति – कायस्थ ब्राह्मण
- मृत्यु तिथि – 28 फ़रवरी 1963
- मृत्यु – 78 वर्ष की उम्र में
- मृत्यु का कारण – स्वाभाविक मृत्यु
- मृत्यु स्थल – पटना, बिहार, भारत
डॉ राजेंद्र प्रसाद की शिक्षा –
डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपनी प्रांरभिक शिक्षा जिला स्कूल, छपरा, बिहार और टी० के० घोष अकादमी, पटना से शुरू की थी, बाद में इन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज, कोलकाता और कोलकाता यूनिवर्सिटी से पढ़ाई किये, राजेंद्र प्रसाद अच्छे पढ़े लिखे थे, इन्होंने कोलकाता से स्नातक, कोलकाता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक और कोलकाता विश्वविद्यालय से विधिशास्त्र में परास्नातक (एलएलएम) भी किया था।
राजेंद्र प्रसाद के बारे में बताया जाता है की यह पाँच वर्ष की आयु में एक मौलवी से फारसी में शिक्षा ली थी, उसके बाद यह प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए बिहार चले गए थे। वर्ष 1902 में, उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसिडेंसी कॉलेज में पढाई के लिए एडमिशन लिया था, इन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले तथा बिहार-विभूति अनुग्रह नारायण सिन्हा जैसे विद्वानों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। राजेंद्र प्रसाद को अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू, फ़ारसी व बंगाली भाषा और साहित्य का अच्छा ज्ञान था। वर्ष 1909 में, राजेंद्र प्रसाद ने कोलकाता में विधिशास्त्र का अध्ययन करते हुए “कलकत्ता सिटी कॉलेज” में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में भी कार्य किया था।
एक शिक्षक के रूप में राजेंद्र प्रसाद ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अपना योग्यदान दिया था, वो अर्थशास्त्र में परास्नातक करने के बाद बिहार के लंगत सिंह कॉलेज (बिहार) में अंग्रेजी के प्रोफेसर और प्रिंसिपल भी बने थे।
डॉ राजेंद्र प्रसाद का राजनितिक सफर –
डॉ राजेंद्र प्रसाद कांग्रेस पार्टी के नेता थे, इनको वर्ष 1934 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन के लिए अध्यक्ष चुना गया था। वर्ष 1939 में, नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने के बाद कांग्रेस ने अध्यक्ष का पदभार राजेंद्र प्रसाद जी को फिर से दिया था। अपने कैरियर के शुरुआती दौर में राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक वकील के रूप में आये थे, जब चम्पारण में इन्होंने महात्मा गांधी सत्याग्रह आंदोलन कर रहे थे।
26 जनवरी 1950 को, भारत का संविधान लागू होने के इनको देश का पहला राष्ट्रपति बनाया गया था।
डॉ राजेंद्र प्रसाद से जुडी रोचक जानकारी – (Rajendra Prasad Biography in Hindi)
- राजेंद्र प्रसाद हिन्दी में “देश” और अंग्रेजी में “पटना लॉ वीकली” समाचार पत्र का सम्पादन भी किया था।
- राजेंद्र प्रसाद वर्ष 1916 में, बिहार और ओडिशा के उच्च न्यायालय में अध्ययन किया था।
- वर्ष 1921 से 1946 के दौरान यह बिहार विद्यापीठ भवन में रहे थे।
- 28 फ़रवरी 1963 में, पटना के निकट सदाकत आश्रम में राजेंद्र प्रसाद का निधन हो गया था।
- भारत सरकार ने इनके जन्मदिवस पर डाक टिकट जारी किया था।
- उनकी याद में कलकत्ता हाई कोर्ट में एक प्रतिमा को स्थापित किया गया है।
राजेंद्र प्रसाद ने कई किताबें भी लिखी है
- “बापू के कदमों में” (1954),
- “इण्डिया डिवाइडेड” (1946),
- “सत्याग्रह ऐट चम्पारण” (1922),
- “गांधी जी की देन”,
- “भारतीय संस्कृति व खादी का अर्थशास्त्र”
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