लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री (1904–1966) और भारतीय राजनीतिज्ञ थे, इनका जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश के एक सामान्य निम्नवर्गीय परिवार में हुआ था, बताया जाता है इनका वास्तविक नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था। भारत सेवक संघ से जुड़ने के बाद ही शास्त्री जी राजनीति की दुनिया में आये थे। इस पोस्ट में आप lal bahadur shastri biography in hindi, lal bahadur shastri jivan parichay, lal bahadur shastri jivani से जुडी सभी जानकारी प्राप्त करेंगे।
घर परिवार – इनके पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव जो एक शिक्षक थे, कुछ समय के लिए ये भारत सरकार के राजस्व विभाग में क्लर्क के पद पर भी कार्य किये थे, माता का नाम रमा दुलारी देवी था, वर्ष 1928 में 16 May इनका विवाह ललिता शास्त्री से हुआ था, इनकी 6 संतानें हैं। कैलाशी देवी और सुंदरी देवी इनकी दो बहनें थीं। हरि कृष्ण शास्त्री, अनिल शास्त्री (राजनीतिज्ञ: कांग्रेस पार्टी), सुनील शास्त्री (बीजेपी), और अशोक शास्त्री इनके बेटे हैं, कुसुम शास्त्री और सुमन शास्त्री इनकी बेटियां हैं।
Lal Bahadur Shastri Jivan Parichay (Biography in Hindi)
- वास्तविक नाम – लाल बहादुर श्रीवास्तव
- उपनाम – शांति दूत, शास्त्री और नन्हे
- प्रचलित नाम – लाल बहादुर शास्त्री
- जन्म – 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश
- प्रोफेशन – राजनीतिज्ञ
- राजनैतिक पार्टी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- पद – भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री (जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के पश्चात)
- पद भार ग्रहण किया – 9 जून 1964 को
- पुरस्कार – ‘भारत रत्न’ (1966)
- मृत्यु – 11 जनवरी, 1966 को रात में रहस्यमय परिस्थितियों में
- मृत्यु के समय आयु – 61 साल
- समाधि स्थल – विजय घाट, नई दिल्ली
- नारा दिया था – 26 जनवरी, 1965 ‘जय जवान, जय किसान’
- अखिल भारतीय काँग्रेस कमेटी के महासचिव – 1951 में
- इन्होंने स्वेत क्रांति को प्रोमोट किया था।
- पता – 10 जनपथ, नई दिल्ली था।
- शौक – पुस्तकें पढ़ना
लाल बहादुर शास्त्री की शिक्षा –
लाल बहादुर शास्त्री ने अपनी शुरुआती शिक्षा हरीशचंद्र उच्च विद्यालय से की थी, उसके बाद इन्होंने काशी विद्या पीठ से स्नातकोत्तर की पढाई किये थे। परीक्षा पास करने के बाद इनको ‘शास्त्री’ की उपाधि” से सम्मानित किया गया था। इनके नाम से देश में कई स्कूल, कॉलेज और इंस्टिट्यूट भी हैं।
लाल बहादुर शास्त्री का राजनैतिक सफर –
वर्ष 1952, 1957 व 1962 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से विजय का श्रेय शास्त्री जी को ही जाता है क्योंकि उस चुनाव में इन्होंने अपने अथक परिश्रम व प्रयास से कांग्रेस को जीत दिलाई थी। इसके पहले शास्त्री जी भारत सेवक संघ से जुड़े थे। गोविंद बल्लभ पंत के मंत्रीमंडल में शास्त्री जी को पुलिस एवं यातायात मंत्रालय भी मिला था। इन्होंने ने ही सर्वप्रथम भीड़ को नियंत्रित रखने के लिये लाठी की अपेक्षा पानी की बौछार का प्रयोग लागू करवाया था। देश में कई राज्यों के सचिवालय की बिल्डिंगों के नाम भी इनके नाम पर रखे गए हैं।
वर्ष 1928 में, शास्त्री जी कांग्रेस के एक सक्रिय सदस्य बने और वर्ष 1930 में दांडी मार्च में भाग लेने कारण दो साल से ज्यादा समय तक जेल में रहे। वर्ष 1940 में, स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सत्याग्रह का समर्थन किया, जिसके कारण उनको फिर से एक वर्ष का कारावास हुआ था।
आज भी इनकी इनकी ईमानदारी और शराफत को दुनिया सलाम करती है।
शास्त्रीजी से जुडी रोचक जानकारी – (Lal Bahadur Shastri Jivan Parichay)
- इनका जन्मदिन महात्मा गांधी जी के जन्मदिन (2 अक्टूबर ) के साथ ही साझा होता है।
- जब शास्त्रीजी 2 वर्ष के थे तभी इनके पिता का बुबोनिक प्लेग से निधन हो गया था। पालन-पोषण उनकी दो बहनों और माँ के द्वारा किया गया।
- शास्त्री जी ने बचपन में ही स्वयं में नैतिकता, ईमानदारी, सादगी के गुणों को विकसित कर लिया था।
- इनको स्वामी विवेकानंद, गांधीजी और एनी बेसेंट, इत्यादि के कार्यों ने काफी प्रभावित किया था।
- 17वर्ष की आयु में, असहयोग आंदोलन में भाग लिए और जेल गए थे।
- इन्होंने हरिजनों के उत्थान के लिए कई कार्य किये थे।
- शास्त्रीजी ने अपने जीवन काल में कुल 9 वर्ष जेल में बिताए।
- आजादी के तुरन्त बाद ही इनको गृह राज्य, उत्तर प्रदेश का संसदीय सचिव भी बनाया गया था।
- 13 मई 1952 को, भारतीय गणराज्य के पहले कैबिनेट में शास्त्री जी को रेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
- इनके कार्यों की पूरी दुनिया में प्रशंसा की जाती है।
- वर्ष 1965 में, भारत-पाक युद्ध के दौरान भारत की विजय में शास्त्री जी काफी योगदान दिया था।
- अपनी जिन्दगी को यह सरलता, सादगी और सच्चाई से जीते थे।
- इनके बारे में और भी कई बातें हैं जिनके बारे विस्तार से आप विकिपीडिया पर जानकारी ले सकते है।
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