एम डी एच मसालों के मशहूर ब्यापारी महाशय धर्मपाल (Mahashay Dharampal Gulati) का जन्म 27 मार्च 1923 को सियालकोट, उत्तर-पूर्व पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था, इनको मसाला किंग, दादाजी, महाशयजी और मसालों के राजा नाम से भी जाना जाता था, दुर्भाग्यवश कल ही (03 Dec 2020) को माता चानन देवी हॉस्पिटल, नई दिल्ली में उनका निधन हो गया, एक ज़माने में महाशय धर्मपाल गुलाटी 1500 रुपया लेकर दिल्ली, भारत आये थे, जहाँ इन्होने 650 रुपया का एक तांगा (घोडा गाड़ी) खरीद लिया था, जिसको यह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और कनॉट प्लेस से करोल बाग़ तक चलाते थे, जिसके बदले में यह यात्रियों से 2 आने लेते थे। (महाशय धर्मपाल का जीवन परिचय, MDH मशाले के मालिक का जीवन परिचय)
महाशय धर्मपाल…शरणार्थी, तांगेवाला और फिर मसालों की दुनिया का बेताज बादशाह तक का सफर
महाशय धर्मपाल गुलाटी (एम. डी. एच) के मालिक का शुरुआती सफर
उस ज़माने में आजीविका के लिए पर्याप्त रूप से धन नहीं कमा पाने के कारण इनको काफी अपमानित होना पड़ता था, जिसकी वजह से इन्होंने अपना तांगा (घोडा गाड़ी) को बेच दिया, बताया जाता है की इन्होने अपना तांगा अपने भाई को दे दिया था, और करोलबाग की अजमल खां रोड पर खोखा लगाकर महाशियाँ दी हट्टी (एम डी एच ) के नाम से मशाला बेचना शुरू कर दिए थे, उस ज़माने में लोगों को इनके मशाले इतने पसंद आये की थोड़े समय में ही इन्होने अपनी मसालों की दूकान खोल ली, समय के साथ इनकी दूकान इतनी मशहूर हो गयी की इन्होने दिल्ली में अपनी कई मसालों की दूकान खोल ली।
महाशय धर्मपाल गुलाटी (एम. डी. एच) के मालिक ने करोलबाग में खोखा लगाकर शुरू किया था मसाला बेचने का कारोबार, अपनी मेहनत के दम पर आज इनकी कंपनी 2000 करोड़ रूपये का ब्रांड बन चुकी है।
MDH Owner Biography in Hindi – संछिप्त परिचय
- वास्तविक नाम – महाशय धर्मपाल गुलाटी (एम. डी. एच)
- उपनाम – मसाला किंग, दादाजी, महाशयजी और मसालों के राजा
- प्रोफेशन – भारतीय व्यवसायी
- चर्चा में रहे – एमडीएच मसालों के मालिक होने के नाते
- जन्म – 27 मार्च 1923
- जन्म अस्थान – सियालकोट, उत्तर-पूर्व पंजाब, पाकिस्तान
- वर्तमान पता – दिल्ली, भारत
- वर्तमान ऑफिस का पता – 9/44, औद्योगिक क्षेत्र, कीर्ति नगर, दिल्ली – 110015
- पिता का नाम – महाशय चुन्नी लाल
- माता का नाम – माता चानन देवी
- विवाह तिथि – वर्ष 1941
- पत्नी का नाम – लीलावन्ती (निधन हो गया है)
- वैवाहिक स्थिति (मृत्यु के समय) – विदुर (Widower)
- बेटा – संजीव गुलाटी और राजीव गुलाटी
- बेटी – 6 नाम ज्ञात नहीं है।
- भाई – सतपाल गुलाटी एवं धर्मवीर गुलाटी
- बहन – 5 नाम ज्ञात नहीं
- पसंदीदा भोजन – पंजाबी व्यंजन
- पसंदीदा कार – क्रिसलर लिमो
- कुल सम्पति – MDH मसालों में 80% हिस्सेदारी, 15 कारखानों, 20 स्कूलों, और 1 अस्पताल के मालिक थे महाशय धर्मपाल गुलाटी।
- Mahashay Dharampal Gulati (MDH) Net Worth – 5400 Cr.
- Mahashay Dharampal Gulati (MDH) Height – 170 Cm
- मृत्यु – (03 Dec 2020) 97 वर्ष की उम्र में निधन
- मृत्यु का कारण दिल का दौरा बताया जाता है।
- राशि – मेष
- शैक्षणिक योग्यता – केवल पांचवी पास थे (पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी)
- धर्म – हिन्दू
- जाति – खत्री
- आज (04 Dec 2020) इनकी अंतिम यात्रा हैं
धर्मपाल गुलाटी का ब्यवसायिक सफर –
बिभाजन के बाद 24 साल की उम्र में सबकुछ छोड़कर आये थे भारत।
वर्ष 1959 में धर्मपाल गुलाटी ने स्वयं की फैक्ट्री स्थापित करने के लिए कीर्ति नगर में जमीन खरीदी थी, जहाँ इन्होने एमडीएच मसालों के साम्राज्य यानि “महाशियां दी हट्टी लिमिटेड” की स्थापना की (जो एक पंजाबी नाम) जिसका अर्थ था “एक महानुभाव आदमी की दुकान”। इसके पहले यह तांगा चलते थे, बाद में इन्होने मसालों की दुकान भी चलायी थी।
आज के समय में इनकी MDH कम्पनी स्विट्ज़रलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, कनाड़ा और यूरोपीय देशों में मसालों का निर्यात करती है। वर्तमान समय में MDH Company पूरे विश्व में मसालों की श्रेणी में सबसे बड़े ब्रांडों में से एक के रूप में उभरा है, धर्मपाल गुलाटी 90 साल की उम्र होने के बाद भी अपने एमडीएच उत्पादों का विज्ञापन करते रहे।
बैंक से कर्ज लेकर खड़ा किया 2,000 करोड़ का साम्राज्य
आज MDH Company के अपने कई मालवाहक शिप है जो मसालों की डिलीवरी कई देशों तक पहुंचते है, MDH मसालों के भारत और दुबई में कई कारखाने है जो पूरी दुनिया में मसालों को निर्यात करते हैं, इस समय एमडीएच कंपनी 50 से भी अधिक विभिन्न उत्पादों को देश और दुनिया में बेचती है।
- धर्मपाल गुलाटी ने “महाशय चुन्नीलाल चैरिटेबल ट्रस्ट” भी बनाया है, जिसके अंतर्गत 250 बिस्तरों वाला एक अस्पताल और झोपड़पट्टी के निवासियों के लिए एक मोबाइल अस्पताल चलाया जा रहा है।
- इनके द्वारा देश विदेश में एमडीएच संदेश पत्रिका भी चलायी गयी है जो काफी पॉपुलर है।
- महाशय गुलाटी की आत्मकथा के ऊपर एक किताब भी लिखी गयी है जिसका नाम ताँगेवाल कैसे बना मसालों का शहंशाह।
- Mahashay Dharampal Gulati (MDH Owner) Biography Youtube
पुरस्कार और सम्मान (MDH Owner Biography in Hindi)
- वर्ष 2016 में सेठ महाशय धर्मपाल गुलाटी को एबीसीआई वार्षिक पुरस्कारों में ‘इंडियन ऑफ़ द ईयर’ चुना गया था।
- वर्ष 2017 में मढ़ मसालों के मालिक धर्मपाल को लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार भी मिला था।
- वर्ष 2018 में गुलाटी को एफएमसीजी क्षेत्र में सबसे ज्यादा भुगतान करने वाले सीईओ (25 करोड़ / वर्ष) के रूप में बताया गया था।
महाशय धर्मपाल गुलाटी (MDH कम्पनी के मालिक) से जुडी रोचक जानकारी
- इनके पिता के बारे में कहा जाता है कि वह “महाशियाँ दी हट्टी” नामक एक दुकान से मसाले बेचने का काम करते थे।
- बाद में तांगा बेचने के बाद यही काम यह भी करने लगे थे।
- इनके पिता आर्य समाज के बहुत बड़े अनुयायी थे।
- बताया जाता है कि महाशय धर्मपाल गुलाटी ने 10 वर्ष की उम्र में ही अपनी स्कूली शिक्षा छोड़ दी थी।
- 7 सितंबर 1947 को, वह भारत-पाक विभाजन के बाद पहली बार महाशय धर्मपाल अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से दिल्ली, भारत लौट आए थे।
- भारत आने के बाद यह दिल्ली के करोल बाग़ में अपनी भतीजी के घर रहा करते थे, जहाँ बिजली और पानी तक की सुबिधा नहीं हुआ करती थी।
- Mahashay Dharampal Gulati (MDH) के मालिक अपनी सेहत को लेकर काफी सजग रहा करते थे, जिसके लिए वो 5 बजे उठकर योग करते थे।
- आज भारत के हर घर के किचन में इनके मसालों की खुसबू देखने को मिलती है।
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